Hit And Run Law: क्या है नए कानून में बदलाव, ड्राइवर क्यों कर रहे विरोध?

Hit And Run Law: हाल ही में सरकार ने हिट एंड रन कानून में कुछ बदलाव किए हैं। जिसके चलते देशभर में चक्काजाम किए जा रहे हैं। इस क़ानून के विरोध में लोग धरना देकर बैठे हैं। पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी कतारें दूर दूर तक लगी हैं। 

भारत के कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल कर दी हैं। इसमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र के साथ साथ कई और राज्य हैं जहां इस कानून का विरोध किया जा रहा हैं। हाल ही में बीते मंगलवार को ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस और सरकार के बीच दिल्ली में एक बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद सरकार के आश्वासन के बाद ही ट्रक हड़ताल को खत्म करने का निर्णय लिया गया।

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आज की इस पोस्ट म हम आपको “Hit And Run Law” के बारे में जानकारी देने वाले हैं। ऐसा क्या बदलाव किया है केंद्र सरकार ने इस हिट एंड रन के ऐसे में जिसके चले देशभर में ट्रक ड्राइवर हड़ताल कर के बैठे हैं।  

Hit And Run Law

आपकी जानकारी के लिए बता दे की हिट एंड रन के मामले (Hit And Run Law) सड़क दुर्घटना से संबंधित हैं। इसके अंतर्गत लारवाही और तेजी से गाड़ी चालते हुए किसी को टक्कर मरना और फिर उसकी सहायता किए बिना भाग जाना का मामला आता हैं।  

गाडी चालक का यूँ किसी को भी टक्कर मारकर भग जाने की वजह से कई लोगो की जाने गई हैं। और सबूतों के आभाव के कारण उन दोषियों को पकड़ना बी मुश्किल हो जाता हैं।  ऐसे में सरकार ने हिट एंड रन (Hit And Run Law) के मामले में न्य कनून लायी हैं। जिसकी वजय से ये हड़ताल हो रही हैं।  

किस नए कानून को लेकर मचा हैं बवाल 

आपकी जानकारी के लिए बता दे की हाल ही में संसद में तीन कानून पास हुए थे। जिसमे एक भारतीय न्याय संहिता ही था।  आपको बता दे की भारतीय न्याय संहिता में हिट एन्ड रन (Hit And Run Law) का जिक्र धारा 104 में  किया गया है। इस धरा के तहत यदि कोई बिना सोचे-समझे या लापरवाही से किसी को टक्क्र मर देता हैं और वहां से भाग जाता हैं तो उसके खिलाफ  दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान हैं।  

इस धारा 104 (1) के तहत यदि कोई  भी बिना सोचे-समझे या लापरवाही से किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है। जो की गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आता हैं तो उसको एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जा सकता हैं। इतना ही नहीं इस सजा को पांच साल तक बढ़ाया जा सकता हैं। इसके साथ ही उस इंसान को जुर्माना भी भरना होगा।  

अब बात करते हैं धारा 104(2) की तो इस धारा के अंतरगर्त अगर कोई  लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है। इसके साथ ही अगर वो पुलिस को इसकी सूचना दिए बिना भाग जाता है।  तो उस व्यक्ति को किसी भी अवधि के कारावास से दंडित किया जा सकता हैं।  इतना ही नहीं इस सजा को दस साल तक बढ़ाया जा सकता है और साथ ही उस व्यक्ति को जुर्माना भी भरना होगा।  

पहले हिट एंड रन का कानून क्या था?

आपकी जानकारी के लिए बता दे की पहले  हिट एंड रन के मामले (Hit And Run Law) भारतीय दंड संहिता के अंतरगर्त ये विशेष रूप से दंडनीय नहीं हैं।  क्योकि जब हिट एंड रन मामले का सवाल आता है तो 279, 304ए और 338 की धारा सामने आ जाती हैं। चलिए जानते हैं इन धराओ के बारे में 

धारा 279: इसके अन्तर्गत लापरवाह ड्राइविंग सजा का प्रावधान आता है। इस धारा के अनुसार, यदि कोई तेजी और लापरवाही से किसी भी सार्वजनिक स्थान पर वाहन चलाता है जसकी वजय से किसी दुसरे इंसान की जान को खतरा हो सकता हैं। तो उस व्यक्ति को  कारावास से दंडित किया जाएगा और उसे जुर्माना भी भरना होगा।  जिसे एक हजार रुपए या दोनों तक बढ़ा सकते हैं।  इसके साथ ही उसकी कारावास सजा को छह महीने तक बढ़ाया जा सकता हैं।  

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आईपीसी की धारा 304ए में लापरवाही की वजय से मौत के लिए सजा का प्रावधान है। पकी जानकारी के लिए बता दे की ये धरा सीधे हिट एंड रन मामलों पर लागू की जाती है। क्योकि हिट एंड रन के चलते पीड़ितों की मृत्यु हो जाती है। 

इसके अन्र्तगर्त जो कोई भी लापरवाही से किसी की मौत क कारण बन जाता है जो की जो गैर इरादतन हत्या की केटेगरी में नहीं आता है। तो उस व्यक्ति को कुल दो साल तक की कैद की सजा हो सकती हैं। साथ ही उसे जुरमाना भरना होगा और दोनों से से दण्डित भी किया जाएगा।  

ड्राइवरों में किस बात का हैं डर 

आपको बता दे की (Hit And Run Law) ड्राइवरों को डर है कि यह क़ानून उनके खिलाफ ही बनाया गया हैं। उनका कहना हैं की यदि वो घायल व्यक्ति की मदद करने जाते हैं तो वे भीड़ के गुस्से का शिकार हो जाएंगे। सूत्रों से मिली जानकी के अनुसार, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने दावा किया हैं की इस कानून को बनाते समय  जिम्मेदार व्यक्तियों से सुझाव नहीं लिए गए है। 

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उनका कहना हैं की हमारे देश भारत में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल की कमी हैं। यहाँ पुलिस वैज्ञानिक जांच करने से पहले ही दोष बड़े वाहन पर मढ़ देती है। चाहे उसकी कोई गलती भी न हो।  

विवाद पर अमित शाह का क्या है जवाब 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में संसद में एक मीटिंग के दौरान बताया की जो व्यक्ति सड़क दुर्घटना (Hit And Run Law) करने के बाद पीड़ित की मदद किए बिना उन्हें मरने के लिए छोड़ कर भाग जाता हैं उसके खिलाफ सख्त दंड का प्रावधान हैं।  

इसके साथ ही अमित शाह ने बताया की जो व्यक्ति दुर्घटना के बाद पीड़ित की मदद करता है और पुलिस को सूचित करता है तो सरकार उसके उदारता दिखती हैं। परन्तु भारतीय दंड संहिता में इसकी बारे में कोई प्रावधान नहीं है। 

आज की इस पोस्ट में हमने आपको Hit And Run Law के बारे में जानकरी दी हैं। आशा करते हैं की आपको ये जानकारी पसंद आई होगी।  

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Preeti
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