Bhai Dooj Kab hai 2023: भाई दूज कब मनाया जाएगा, और जानें भाई दूज का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Bhai Dooj Kab hai: भाई दूज का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस साल भाई दूज का पर्व 14 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 37 मिनट से शाम 4 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।

Highlights:-

  • भाई दूज 2023: कब मनाया जाएगा
  • भाई दूज की पूजा विधि
  • भाई दूज का शुभ मुहूर्त
  • भाई दूज की कथा

भाई दूज का त्योहार दीपावली के दो दिन बाद यानी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल भाई दूज 14 या 15 नवंबर को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, द्वितीया तिथि 14 नवंबर को दोपहर 02:36 बजे से शुरू होकर 4 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।

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इसलिए 14 नवंबर को भी भाई दूज का त्योहार मनाया जा सकता है। हालांकि, उदया तिथि को प्राथमिकता दी जाती है, इसलिए अधिकांश लोग 15 नवंबर को भाई दूज मनाएंगे।

भाई दूज के दिन भाई को तिलक लगाने का विशेष महत्व है। बहनें रोली और अक्षत लगाकर अपने भाई का तिलक करती हैं और उनकी लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करती हैं। वहीं, भाई अपने बहनों का आशीर्वाद लेकर उनकी जीवनभर रक्षा करने का वचन देता है।

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भाई दूज के दिन भाई के लिए मीठे पकवान बनाए जाते हैं। भाई-बहन एक साथ बैठकर भोजन करते हैं और खुशियां मनाते हैं। इस त्योहार के माध्यम से भाई-बहनों के बीच का प्यार और विश्वास मजबूत होता है।

भाई दूज का महत्व:

भाई दूज का त्योहार भाई-बहनों के प्यार और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन भाई-बहन एक-दूसरे के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करते हैं और उनके रिश्ते को और मजबूत बनाते हैं।

यह त्योहार हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें अपने जीवन में हमेशा अपने भाई-बहनों का साथ देना चाहिए और उनकी रक्षा

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भाई दूज की पूजा विधि:

भाई दूज की पूजा विधि काफी सरल है। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद एक चौकी पर चौक बना लें और उस पर गंगाजल छिड़क दें। इसके बाद भाई को चौकी पर बैठा दें और उसके माथे पर चावल, कुमकुम और सिंदूर का तिलक लगाएं। फिर भाई को कलावा बांध दें और आरती उतारें। इसके बाद भाई को मिठाई खिलाएं और खुद भी खाएं।

भाई दूज के शुभ मुहूर्त:

Bhai Dooj Kab hai : भाई दूज का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 37 मिनट से शाम 4 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इस दौरान बहनें अपने भाई का तिलक कर सकती हैं। अगर आप किसी कारणवश इस समय तिलक नहीं कर पाते हैं तो आप रात में 8 बजकर 30 मिनट से 10 बजकर 30 मिनट के बीच तिलक कर सकते हैं।

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भाई दूज के लिए जरूरी सामग्री:

  • चौकी
  • चौक बनाने की सामग्री (गंगाजल, रोली, अक्षत)
  • चावल
  • कुमकुम
  • सिंदूर
  • कलावा
  • दीपक
  • आरती की थाली
  • मिठाई

भाई दूज की कथा:

एक समय की बात है, यमराज अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने आए थे। यमुना ने अपने भाई को तिलक लगाकर और मीठाई खिलाकर उनका स्वागत किया था।

इससे प्रसन्न होकर यमराज ने यमुना को वरदान दिया था कि जो भी बहन अपने भाई को तिलक लगाएगी, उसके भाई को अकाल मृत्यु नहीं होगी। यमुना ने अपने भाई से यह भी वरदान मांगा कि वह हर साल उसके घर भोजन करने आए। यमराज ने अपनी बहन की बात मान ली और हर साल यमुना के घर भोजन करने आते थे।

अंत में

Bhai Dooj Kab hai: भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के बीच के अटूट रिश्ते को मजबूत करता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के लिए शुभकामनाएं करती हैं और उनके सुख-सौभाग्य की कामना करती हैं।

वहीं, भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। भाई दूज का त्योहार हमें यह सीख देता है कि भाई-बहन के बीच का रिश्ता कितना महत्वपूर्ण है और हमें हमेशा एक-दूसरे का साथ देना चाहिए।

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Sarthak Gupta
Sarthak Gupta

Sarthak Gupta is Very Professional Hindi and English Content Writer and Very Expert in Search Engine Optimization.

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