Bharatiya Nyaya Sanhita 2023: संसद में हुआ नया बिल पास, जाने क्या हैं महिलाओं के अधिकार….

Bharatiya Nyaya Sanhita 2023: 20 दिसंबर 2023 को संसद में तीन बिल पर लोकसभा में चर्चा हुई। ये बिल आपराधिक कानूनों से जुड़े हुए थे। चर्चा के बाद इन तीनो बिलो को लोकसभा ने पास कर दिया हैं। इस तीन बिलो में भारतीय दंड संहिता भी शामिल हैं। अब लोकसभा ने भारतीय दंड संहिता को अहम और बड़े बदलावों के साथ बदल दिया हैं। अब भारतीय दंड संहिता का नाम बदलकर भारतीय न्याय संहिता कर दिया है।  

इसमें कुछ ने कानूनों को पेश किया गया हैं। इसमें महिला विरोधी अपराध, देश द्रोह, आतंकवाद और मॉब लिंचिंग जैसे अपराधों के लिए ने कानूनों को पेश किया गया हैं। आज की इस पोस्ट में हम आपको “Bharatiya Nyaya Sanhita 2023” के बारे में लगभग सारी जानकारी देने वाले हैं। चलिए विस्तार से जानते हैं इस बिल के बारे संसद में क्या वार्तालाप हुई।  

Bharatiya Nyaya Sanhita 2023

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भारतीय न्याय संहिता, अब  IPC को रिप्लेस करने की तैयारी में हैं। आपको बता दे की भारतीय न्याय संहिता पहले 511 धाराएं थी परतु अब इसमें 358 धाराएं होंगी। इसके अंदर 20 नए अपराधो को और  जोड़ दिया गया हैं।  सूत्रों के अनुसार, 23 अपराधों में न्यूनतम सज़ा का प्रावधान हैं। और 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा का दंड जोड़ दिया गया हैं। इसके सातह ही इसकी 19 धाराओं को कंसल कर दिया गया है। 

संसद के 143 सांसदों को शेष सत्र के लिए किया निलंबित

जब संसद के बीच ये बिल पेश किए गए तब सदन में माहौल चर्चा के समय काफी गरम हो गया था। जिसके तहत संसद में कुल 143 सांसदों को रिमेनिंग सेशन के दौरान सस्पेंड कर दिया गया। इस 143 सांसदों में से  46 एमपी राजसभा के और 97 लोकसभा सांसद हैं। 

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गृह मंत्री अमित शाह ने दी बिल के बारे में जरूरी सूचना 

चर्चा के समय लोकसभा के सदन में हमारे गृह मंत्री अमित शाह ने बताया की यह बिल (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023) जल्द न्याय कि दिशा में न्याय दिलाने के लिए उठाया गया सबसे बड़ा और अहम् कदम हैं। इससे आगे अमित शाह कहते हैं की अगर आरोपी को बरी कराने के लिए कोई याचिका दायर करता हैं तो उसे याचिका दायर के लिए  सात दिन यानि एक सप्ताह का समय मिलेगा।  

उनके अनुसार, न्यायाधीश को उन 7 दिनों में आरोपी की सुनवाई करनी होगी। ये सुनवाई अधिकतम 120 दिनों में की जाएगी। पहले आरोपी की दलील सौदेबाजी के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी। परन्तु अब 30 दिनों के अंदर यदि कोई अपराधी अपना अपराध स्वीकार कर लेता है तो उसके दंड को कम किया जा सकता हैं।

 पहले मुकदमे के दौरान कोई भी दस्तावेज पेश करने के लिए कोई भी प्रावधान नहीं था। परन्तु अब सभी दस्तावेज को 30 दिनों के भीतर पेश करना ही होगा। दस्तावेज पेश करने में की गई देरी स्वीकार नहीं की जाएगी।  आप अगर इसके अंदर अपराधों के लिए दिए गए दण्डो के बारे में जानना चाहते हैं तो आप THE BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023 पपीडीऍफ़ पर क्लिक कर जान सकते हैं।

गरीबों को मिल रही वर्षों से ‘तारीख पे तारीख’

संसद में हुई चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं की गरीबों के लिए न्याय पाना सबसे बड़ी चुनौती बन चूका हैं। गरीबो के न्याय के नाम पर कई सालो से तारिख पर तारिख मिल रही हैं। इन सब के लिए हमारे देश की न्याय प्रणाली पुलिस प्रशाशन को इसका जिम्मेदार मानती हैं। अमित शाह कहते हैं की हमने इस बिल में नए कानूनों में कई चीजो को बिलकुल क्लियर कर दिया हैं।  

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आज की इस पोस्ट में हमने आपको “Bharatiya Nyaya Sanhita 2023” के बारे में जानकारी दी हैं। अगर आपको ये जानकारी पसंद आई हैं तो इसे ज्यादा से ज्यादा श्री करे ताकि और लोगो को भी इसकी जानकारी मिल सके।  

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