Frooti Success Story: छोटी सी लड़की ने फ्रूटी को बना दिया 8,000 करोड़ का ब्रांड
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Frooti Success Story: फ्रूटी एक ऐसा ब्रांड है जिसे लगभग हर भारतीय जानता है। यह मैंगो ड्रिंक भारत में सबसे लोकप्रिय ड्रिंको में से एक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि फ्रूटी को एक लड़की ने बनाया है, जी हां वह लड़की और कोई नहीं वल्कि नादिया चौहान हैं ,पारले एग्रो की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ मार्केटिंग ऑफिसर।
इस पोस्ट में हम नादिया चौहान की सफलता की कहानी बताएंगे. हम जानेंगे कि कैसे नादिया ने फ्रूटी को इतना बड़ा ब्रांड बनाया और हम उनसे कुछ सीख भी लेंगे.
Highlights:
- छोटी सी लड़की ने 8,000 करोड़ का ब्रांड बनाया
- 17 साल की उम्र में संभाली पिता की कंपनी की कमान
- फ्रूटी को बनाया दुनिया का मशहूर ब्रांड
- नादिया चौहान की सफलता की कहानी
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Nadia Chauhan Biography
![Frooti Success Story: छोटी सी लड़की ने फ्रूटी को बना दिया 8,000 करोड़ का ब्रांड Nadia Chauhan Biography](https://i0.wp.com/inbuzz.in/wp-content/uploads/2023/11/Nadia-Chauhan-Biography.jpg?resize=1024%2C576&ssl=1)
Nadia Chauhan Biography :- नादिया चौहान का जन्म 1986 में कैलिफोर्निया, अमेरिका में हुआ था। उनके पिता प्रकाश चौहान पार्ले एग्रो के चेयरमैन थे। नादिया ने बचपन से ही अपने पिता के साथ बिजनेस में रुचि दिखाई। वह 11 साल की उम्र से ही अपने पिता के साथ फैक्ट्री और ऑफिस में जाया करती थी।
नादिया ने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से कॉमर्स की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने अपने पिता के साथ मिलकर कंपनी के बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए कई नए आइडिया दिए।
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पारले ग्रुप की शुरुआत
पारले ग्रुप की स्थापना 1929 में मोहनलाल चौहान ने की थी। शुरुआत में कंपनी ब्रेड, बन, रस्क टोस्ट जैसे बेकरी प्रॉडक्ट बनाती थी। 1939 में कंपनी ने बिस्कुट बनाने का काम शुरू किया। 1977 में कोका कोला के देश से जाने के बाद पारले ग्रुप ने गोल्ड स्पॉट, थम्स अप और लिम्का को बाजार में उतारा।
बिज़नस की शुरुआत कैसे की
Nadia Chauhan Business: 2003 में नादिया चौहान ने पारले एग्रो की मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभाली। उस समय उनकी उम्र मात्र 17 साल थी। नादिया ने अपने पिता से बिजनेस की बारीकियां सीखी थीं। नादिया ने सबसे पहले फ्रूटी की पैकेजिंग बदलने का फैसला किया। जो पैकेट पहले ग्रीन कलर का था उसे पके आम यानी पीले रंग का किया गया।
यह आइडिया हिट रहा। इसके बाद उन्होंने फ्रूटी की पहचान को बदलने के लिए कदम उठाया। अब तक जो फ्रूटी केवल बच्चों को ध्यान में रखकर अपना विज्ञापन तैयार करती थी, उसने अब युवा से लेकर वृद्धों तक सबको लक्ष्य बनाना शुरू किया। इससे कंपनी की सेल में तेज उछाल आया।
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कैसे फैलाया बिजनस
नादिया चौहान के नेतृत्व में फ्रूटी ब्रांड ने जबरदस्त सफलता हासिल की। 2003 में, जब नादिया चौहान ने कंपनी की मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभाली, तब कंपनी का टर्नओवर केवल 300 करोड़ रुपये था। लेकिन आज, 2023 में, कंपनी का टर्नओवर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है। फ्रूटी भारत का सबसे पसंदीदा जूस ब्रांड बन गया है और इसे दुनिया के 50 से अधिक देशों में बेचा जाता है।
कंपनी की सफलता केसे की
नादिया चौहान की मेहनत और दृढ़ निश्चय के कारण फ्रूटी आज भारत का सबसे लोकप्रिय जूस ब्रांड बन गया है। कंपनी का सालाना टर्नओवर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक है। नादिया चौहान को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
नादिया चौहान पारले एग्रो को और भी आगे ले जाना चाहती हैं। उनकी योजना है कि कंपनी के प्रोडक्ट को दुनिया भर में और अधिक लोगों तक पहुँचाया जाए। इसके अलावा, वह कंपनी के बिजनेस को और भी अधिक फैलाना बनाना चाहती हैं।
अंत में
Frooti Success Story: नादिया चौहान एक सफल बिज़नस वोमन हैं। उन्होंने फ्रूटी के बिज़नस को एक छोटे से ब्रांड से भारत के सबसे बड़े फलों के रस के ब्रांड में बदल दिया। नादिया की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे एक छोटी सी लड़की भी कड़ी मेहनत और लगन से सफलता हासिल कर सकती है।
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