Malabar Gold Success Story: मसालों से लेकर सोने तक का सफर, कैसे बना एमपी अहमद 27 हजार करोड़ का मालिक?
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Malabar Gold: भारत में कई ऐसे सफल कारोबारी हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सफलता की ऊंचाइयों को छुआ है। इनमें से एक हैं मालाबार गोल्ड के फाउंडर एमपी अहमद। एमपी अहमद का जन्म 1953 में केरल के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके पिता मसालों का कारोबार करते थे।
आज हम आपको एक ऐसी शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने कभी मसालों का बिजनेस किया था, लेकिन असफलता मिलने पर उन्होंने ज्वेलरी का बिजनेस शुरू किया और आज वह 27 हजार करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक हैं। हम बात कर रहे हैं मालाबार गोल्ड कंपनी के फाउंडर एमपी अहमद की।
Highlights:-
- मसालों से शुरू हुई कहानी
- हार नहीं मानी, बनाया नामचीन ब्रांड
- आज ₹27 हजार करोड़ की कंपनी के मालिक
- मसालों से ज्वेलरी तक, एक सफलता की कहानी
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M. P. Ahammed Biography
एमपी अहमद का जन्म 1953 में केरल के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके पिता मसालों का कारोबार करते थे। एमपी अहमद ने भी अपने पिता के साथ मसालों का कारोबार शुरू किया, लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिली। उन्होंने फिर सोने और ज्वेलरी के बिजनस में हाथ आजमाया।
उन्होंने 1993 में कोच्चि में अपनी पहली मालाबार गोल्ड की दुकान खोली। शुरुआत में उन्हें इसमें भी सफलता नहीं मिली। लोगों ने उन्हें उड़ाया और कहा कि वह एक छोटे से गांव से आए हैं और उन्हें सोने और ज्वेलरी के बिजनस में क्या पता है। लेकिन एमपी अहमद ने हार नहीं मानी। उन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से अपने बिजनस को आगे बढ़ाया।
बिज़नेस की शुरुआत कैसे की:
एमपी अहमद ने अपनी पहली मालाबार गोल्ड की दुकान खोलने के लिए बैंक से लोन लिया था। उन्होंने अपने बिजनस को बढ़ावा देने के लिए नए-नए तरीके अपनाए। उन्होंने अपने बिजनस में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया।
उन्होंने अपने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए आकर्षक डिज़ाइन की ज्वेलरी बनाई। एमपी अहमद के कड़ी मेहनत और लगन के कारण उनकी कंपनी तेजी से बढ़ने लगी।
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बिज़नेस के लिए पैसों को ऐसे जुटाया:
एमपी अहमद ने अपने बिज़नस [ Malabar Gold ] के लिए पैसे जुटाने के लिए कई प्रयास किए। उन्होंने अपने परिवार और दोस्तों से पैसे उधार लिए।
लेकिन जैसे-जैसे बिज़नेस बढ़ता गया, उन्हें और पैसों की जरूरत पड़ी। उन्होंने बैंकों से लोन लिया और कुछ निवेशकों से भी पैसे जुटाए।
नहीं मानी हार:
एमपी अहमद एक ऐसे व्यक्ति हैं जो कभी हार नहीं मानते। उन्होंने अपने जीवन में कई बार असफलता का सामना किया लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने हमेशा अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की।
कैसे फैलाया बिजनस:
एमपी अहमद ने अपने बिजनस को देशभर में फैलाने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने नए-नए शहरों में अपने शोरूम खोले। उन्होंने अपने बिजनस को ऑनलाइन भी बढ़ावा दिया। एमपी अहमद की कंपनी आज भारत के 100 से अधिक शहरों में मौजूद है। मालाबार गोल्ड की कई दुकानें विदेशों में भी हैं।
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कंपनी की सफलता कैसे की:
एमपी अहमद की कंपनी [ Malabar Gold ] की सफलता के कई कारण हैं। इनमें से एक कारण है उनकी गुणवत्तापूर्ण ज्वेलरी। मालाबार गोल्ड की ज्वेलरी 24 कैरेट सोने से बनाई जाती है। इनमें आकर्षक डिज़ाइन और बेहतरीन कारीगरी होती है। दूसरा कारण है उनकी ग्राहक सेवा।
मालाबार गोल्ड अपने ग्राहकों को बेहतरीन ग्राहक सेवा प्रदान करती है। तीसरा कारण है उनका मार्केटिंग रणनीति। मालाबार गोल्ड अपने बिजनस को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक मार्केटिंग रणनीति का इस्तेमाल करती है।
निष्कर्ष:
Malabar Gold: एमपी अहमद की कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है। यह कहानी बताती है कि अगर कोई मेहनत और लगन से काम करे तो उसे सफलता जरूर मिलती है। एमपी अहमद ने अपने बिजनस से लाखों लोगों को रोजगार दिया है। वह एक सफल कारोबारी और समाजसेवी हैं।
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